नई दिल्ली:
भारत पाकिस्तान आतंकवाद ऑपरेशन सिंदूर को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। भारत ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उसने ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को “राज्य सम्मान” के साथ दफनाया। जबकि पाकिस्तान का दावा है कि वे आम नागरिक थे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“अगर वे नागरिक थे, तो फिर राष्ट्रीय ध्वज में लपेटकर और सेना की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार क्यों किया गया?”
आतंकवाद पर पाकिस्तान की दोहरी नीति
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, जिन तीन लोगों – क़ारी अब्दुल मलिक, खालिद, और मुदस्सिर – को पाकिस्तानी सेना ने राजकीय श्रद्धांजलि दी, वे सभी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी थे। ये अंतिम संस्कार मुरिदके, पंजाब (पाकिस्तान) में हुए, जो ऑपरेशन सिंदूर के प्रमुख लक्ष्यों में शामिल था।
भारत की चेतावनी: पाकिस्तान बेनकाब
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान की TRF और लश्कर से जुड़े आतंकवादियों के समर्थन की नीति अब दुनिया के सामने उजागर हो गई है।
“TRF ने पाहलगाम आतंकी हमले की दो बार जिम्मेदारी ली, फिर भी पाकिस्तान इंकार करता रहा।”
उन्होंने पाकिस्तान के UN में झूठे बहाने और ओसामा बिन लादेन को “शहीद” कहे जाने की भी आलोचना की।
सैन्य टकराव के संकेत
भारत ने साफ कर दिया है कि वह आतंक के खिलाफ कार्रवाई करेगा लेकिन युद्ध नहीं चाहता। हाल ही में पाकिस्तान ने 15 भारतीय शहरों में मिसाइल दागे, जिसके जवाब में भारत ने लाहौर समेत कई पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम तबाह कर दिए।
भारत पाकिस्तान आतंकवाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की कड़ी प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि आतंकवाद के खिलाफ अब समझौता नहीं होगा। पाकिस्तान को अब स्पष्ट रूप से अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेनी होगी।