नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान के बीच बीते दिनों चले मिसाइल, ड्रोन और तोपखाने हमलों के बाद अब भारत पाकिस्तान संघर्षविराम की घोषणा हुई है। हालांकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को लेकर उसकी नीति में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
भारत का सख्त रुख
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा,
“भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और कठोर रुख अपनाया है, और भविष्य में भी यही रुख रहेगा।”
सरकारी प्रवक्ता ने भी दोहराया कि
“भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। हम हर परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”
वायुसेना की प्रतिक्रिया
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने जानकारी दी कि,
“पाकिस्तान द्वारा हाल में की गई हर कार्रवाई का भारत ने जवाब दिया है। अगर भविष्य में कोई भी उकसावे की कार्रवाई होती है, तो जवाब और भी निर्णायक होगा।”
अमेरिका का रुख
संघर्षविराम की घोषणा के बीच अमेरिका ने खुद को इस टकराव से अलग बताया।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा,
“यह युद्ध अमेरिका का मामला नहीं है। हम केवल कूटनीतिक प्रयासों से समाधान की कोशिश कर सकते हैं।”
संघर्षविराम की शर्तें
भारत पाकिस्तान संघर्षविराम को लेकर सरकार ने बताया कि यह “शर्तों पर आधारित” है और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कूटनीतिक नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
इससे एक दिन पहले पाकिस्तान ने भारत के एयरबेस को निशाना बनाया था, हालांकि भारतीय वायुसेना ने उसे नाकाम कर दिया।
पहलगाम आतंकी हमला: टकराव की जड़
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे।
भारत ने इस हमले का ज़िम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की जवाबी कार्रवाई
हमले के 12 दिन बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया।
इसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
इसके बाद पाकिस्तान की ओर से फिर से हमले हुए, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने प्रभावी ढंग से विफल कर दिया।
निष्कर्ष
भारत पाकिस्तान संघर्षविराम के बावजूद, भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी प्रकार की नरमी के मूड में नहीं है। स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन भारत पूरी सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहा है।