भोपाल, 14 मई 2025:
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के मंत्री विजय शाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए चार घंटे के भीतर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। उन्होंने सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने उन्हें “आतंकवादियों की बहन” कहा।
🔹 कोर्ट का सख्त रुख
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला शामिल हैं, ने स्वतः संज्ञान (suo motu) लेते हुए यह निर्देश जारी किया।
जस्टिस श्रीधरन ने कहा,
“अब ये लोग देश की सेना तक पहुंचने लगे हैं। यह बेहद खतरनाक है।”
कोर्ट ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 196 (समूहों में वैमनस्य फैलाना) और 152 (संप्रभुता और एकता को खतरे में डालना) के तहत केस दर्ज करने को कहा है।
🔹 मंत्री विजय शाह का विवादित बयान
मंत्री विजय शाह, जो जनजातीय कल्याण और भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्री हैं, ने 12 मई को एक जनसभा में कहा:
“जिन आतंकवादियों ने हमारी बहनों का सिंदूर मिटा दिया था, उन्हें मारने के लिए हमने उनकी बहन को सेना के जहाज़ में भेजा…”
हालांकि उन्होंने पहले किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन विवाद के बाद सफाई में उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम लिया और कहा कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया है।
🔹 राजनैतिक घमासान तेज
बयान के बाद विपक्ष ने मंत्री के इस्तीफे की मांग तेज कर दी है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा,
“प्रधानमंत्री अब तक इस मंत्री को क्यों नहीं बर्खास्त कर पाए? ये बयान बीजेपी की मानसिकता को दर्शाता है।”
सचिन पायलट, मायावती, सागरिका घोष, वाईएस शर्मिला सहित कई नेताओं ने मंत्री के बयान की निंदा की है।
🔹 FIR और पार्टी की कार्रवाई
- MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भोपाल, जबलपुर समेत कई शहरों में शिकायतें दी हैं।
- बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा, “हमारी पार्टी इस पर गंभीर है। मंत्री को चेतावनी दी गई है और उन्होंने माफ़ी भी मांगी है।”
- 13 मई की शाम को मंत्री शाह को पार्टी मुख्यालय बुलाकर उन्हें कड़े शब्दों में समझाया गया।
🔹 महिला आयोग की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन विजया रहाटकर ने भी बयान की निंदा करते हुए कहा:
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी को महिलाओं के प्रति सम्मानजनक भाषा का प्रयोग करना चाहिए।”
मध्य प्रदेश सरकार और बीजेपी के लिए यह मामला संवेदनशील बन गया है। कोर्ट के आदेश के बाद मंत्री विजय शाह पर कानूनी कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है। सेना की महिला अफसर पर इस तरह की टिप्पणी ना केवल असंवैधानिक है बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था और समाज में महिलाओं के सम्मान के लिए भी खतरा है