नई दिल्ली –
पेगासस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्पाईवेयर का इस्तेमाल करती है, तो इसमें कुछ गलत नहीं, जब तक उसका दुरुपयोग न हो। यह टिप्पणी 2021 में दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान आई, जब पेगासस विवाद ने देश में राजनीतिक और कानूनी बहस को जन्म दिया था।
कोर्ट की अहम टिप्पणियां:
- “स्पाईवेयर होना गलत नहीं है, पर किस पर इस्तेमाल हो रहा है, ये जरूरी है”, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा।
- उन्होंने साफ किया कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है, और उसके लिए कुछ कदम जरूरी हो सकते हैं।
- केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “आतंकवादियों को निजता का अधिकार नहीं होता”।
- इस पर कोर्ट ने जवाब दिया कि सामान्य नागरिकों को निजता का संवैधानिक अधिकार है, और अगर उनके अधिकारों का उल्लंघन हुआ है तो वह मामला देखा जाएगा।
क्या है पेगासस विवाद?
2021 में आरोप लगे थे कि पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल भारत में कुछ लोगों की जासूसी के लिए हुआ। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक तीन सदस्यीय तकनीकी समिति गठित की, जिसकी निगरानी सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति आर. वी. रवींद्रन कर रहे थे।
समिति की जांच में यह साफ नहीं हो पाया कि जिन फोनों की जांच हुई, उनमें पेगासस का इस्तेमाल हुआ या नहीं। अब याचिकाकर्ता इस रिपोर्ट की संपादित कॉपी (redacted version) मांग रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को करेगा।।